Badal

रुई की तरह सफेद और कोमल
मैं नीले आसमान मे भटकता
लोगों ने कहा
ए बादल तू कयो नही बरसता
||
खुले आसमान में एक काला तिल
चला हल्की बौछारे करते 
लोगों ने कहा
कभी तो गरजा कर निक्कमे
||
दोस्तों के साथ शेर सा दहाड़ता
सोचा अब तो प्रसन्न होंगे इंसान,मेरे गरजने बरसने से
पर फिर लोगों ने कहा
मनहूस,भटक नहीं सकता केवल शांति से

Thanks to my Hindi Guru - Surya, for correcting mistakes

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